Farmers should adopt organic farming and increase their income

किसान ऑर्गेनिक खेती को अपनाएं और आय में इजाफा करें: नायब सैनी

Farmers should adopt organic farming and increase their income

Farmers should adopt organic farming and increase their income

Farmers should adopt organic farming and increase their income- पंचकूला। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को ऑर्गेनिक खेती करने के लिए प्रेरित करने हेतु प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है ताकि किसान ऑर्गेनिक खेती को अपनाकर अपनी आय में इजाफा कर सकें। मुख्यमंत्री आज पिंजौर के यादवेंद्र गार्डन में 31वें मैंगो मेला में लोगों को संबोधित कर रहे थे। मेले में विभिन्न गतिविधियां, प्रतियोगिताएं और संध्या के सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। मेले की शुरुआत में छात्रों ने रंगोली, ड्राइंग, पोस्टर मेकिंग और मैंगो क्विज जैसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्राकृतिक खेती की ओर रूझान बढ़ाने के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार भी इस उद्देश्य को आगे बढ़ा रही है।  उन्होंने कहा कि मेले के माध्यम से  किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए आधुनिक तकनीक को अपने का मौका मिलेगा और प्रदेश के लोगों को स्वच्छ शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सकेगी।  उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वे ऑर्गेनिक खेती को अपनाएं और अपने और नागरिकों के जीवन में खुशहाली लाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा हर साल मैंगो मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में लोगों को अनेक प्रकार के आमों की किस्में खरीदने अवसर मिलेगा। मेले में 300 से अधिक किस्मों के आम देखने को मिले जिससे उन्हें बड़ी खुशी की अनुभूति हुई है। हिमाचल की सुंदर वादियों में आमों के क्षेत्र में अलग ही नजारा देखने को मिलता हैं।

मुख्यमंत्री ने मेले में लगाई गई आम की हर स्टॉल का अवलोकन किया और उनके बारे में विस्तार से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होकर प्रतिभागियों को सम्मानित किया। उन्होंने प्रसिद्ध म्यूजिशियन वादक सुभाष घोष को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। पर्यटन मंत्री कंवर पाल ने कहा कि इस मेले में हरियाणा, यूपी, पंजाब, हिमाचल सहित कई राज्यों के किसान आम की किस्में लेकर आते है जिससे आपसी आदान प्रदान भी होता है और किसानों को नई जानकारी भी हासिल होती है। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी लोग आनंद उठाते है। विभिन्न प्रकार की स्कूली बच्चों की प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई जाती है।

शिल्प बाजार में हथकरघा और हस्तशिल्प का हुआ प्रदर्शन

महलों, प्राचीरों और गढ़ों पर विशेष रोशनी से उद्यानों को रोशन किया गया। इन विशेष लाइटों का उपयोग बिजली बचाने और चल रही ‘गो ग्रीन’ पहल में योगदान देने के लिए किया गया। भारतीय स्ट्रीट फूड के साथ-साथ पंजाब के स्वाद, दक्षिण की सूक्ष्म सुगंध और चाईनीज के प्राच्य स्वाद सहित मुंह में पानी लाने वाले व्यंजन परोसने के लिए एक बहु-व्यंजन फूड कोर्ट भी लोगो के लिए मनोरंजन का साधन रहे। इसी प्रकार शिल्प भी बाजार मेले का एक और अतिरिक्त आकर्षण का केन्द्र रहा जिसमें लोगों ने बहुत ही खरीदारी की । शिल्प बाजार में, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान आदि के शिल्पकारों बुनकरों द्वारा हथकरघा और हस्तशिल्प का प्रदर्शनी और बिक्री कर रहे हैं।

विभिन्न 300 किस्मों के आमों का प्रदर्शन

मैैंगो मेला में आम व आम से बने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए 300 विभिन्न किस्मों का प्रदर्शन किया गया। आम की प्रमुख वाणिज्यिक किस्में जो मेले में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं, उनमें दशहरी, चौसा, लंगड़ा, अमरपाली, बॉम्बे ग्रीन (मालदा), रतोल, मलिका, अंबिका, रामकेला आदि शामिल हैं। इस मेले में देश भर से बड़ी संख्या में आम उत्पादक भाग लिया और आम की विभिन्न किस्मों का प्रदर्शन कर रहे हैं।